प्राकृतिक चिकित्सा - 30 : उल्टी की सरल चिकित्सा
उल्टी कई कारणों से हो सकती है। यहाँ हम ऐसी उल्टी की बात कर रहे हैं जो भोजन की गड़बड़ी के कारण होती है। जब हमारा आमाशय ऐसी वस्तुओं से भर जाता है, जिनको पचाना कठिन हो जाता है और पाचन प्रणाली रुक जाती है, तो हमारा शरीर उन वस्तुओं को मुँह के रास्ते वापस फेंकने लगता है। कई बार जहरीली वस्तु खा लेने पर भी उल्टियाँ होती हैं। इन दोनों प्रकार की उल्टियों की चिकित्सा एक ही है। वह यह है कि सबसे पहले सभी प्रकार का खाना-पीना बन्द कर दिया जाये और यदि उल्टी आ रही हो, तो कर ली जाये। यदि ऐसा लगता हो कि उल्टी आ रही है परन्तु होती नहीं हो, तो हमें स्वयं दो-तीन गिलास गुनगुना या साधारण जल पीकर वमन या कुंजल कर लेना चाहिए। कुंजल करने से उल्टी में तत्काल आराम मिलता है। कुंजल क्रिया की चर्चा पीछे की जा चुकी है। प्रत्येक बार उल्टी होने या करने के बाद रोगी को एक या दो घूँट सादा पानी पिला देना चाहिए और यदि मौसम अधिक ठंडा न हो, तो सिर या माथे को ठंडे पानी से तर कर देना चाहिए। इसके साथ ही रोगी को पूरी तरह आराम करना चाहिए। ऐसा करने से एक दिन में ही रोगी को पर्याप्त आराम मिल जाता है और उल्टी की शिकायत दूर हो